आज स्वतंत्रा दिवस की पूर्व संध्या पर उन सब लाखों शहीदों को मेरा प्रथम वंदन जिन्होंने देश की आजादी के लिये आपने प्राणों की आहुति दे दी और उन्हें किसी भी कारण से इतिहास के पन्नों में जगह नहीं मिल पाई , मेरा दूसरा वंदन उन सब लाखों शहीदों को जिन्होंने देश की आजादी के लिये आपने प्राणों की आहुति दे दी उन्हें किसी भी कारण से इतिहास के पन्नों में भरपूर जगह मिल पाई और तीसरा नमन भारत माँ के उन वीर सपूतों को जो आज भी देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं |
आपको एक बात बताता हूँ ये 15 अगस्त का दिन हमारे देश के लिये सबसे बडा दिन है सभी त्योहारों में सबसे बड़ा चाहे वह किसी भी धर्म सम्प्रदाय या क्षेत्र विशेष के हों लेकिन सिर्फ एक छुट्टी का दिन बन कर रह गया है | मैं आप लोगों से कहना चाहता हूँ की कोई भी त्यौहार मनाये या ना मनायें लेकिन देश की आजादी का जश्न शालीनता के साथ जरुर मनायें | अब हो सकता है की कोई सोचे की मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ – मेरी हर बात के पीछे कारण होता है – बहुत साधारण सा जवाब है बस एक सवाल अपने आप से पूछ लेना देश आजाद नहीं हुआ होता तो आज हमारा क्या हाल होता – शायद जवाब मिल जाये | मुझे जब भी उन बुजुर्गों से बात करने का समय व अवसर मिलता है तो मैं उनसे समझने की कोशिश करता हूँ की उस समय देश के हालात कैसे थे ? बस अगर देश आजाद हुआ नहीं होता तो जिन्दगी जानवर से भी बदतर होती –
एक और बात बताता हूँ हमारी Workshop में प्रतिदिन दिन की शुरुवात राष्ट्रगान से ही होती है |
आप अपने बच्चों को देश की आजादी के किससे जरुर सुनायें जिससे आने वाले समय में उनका देश के प्रति प्रेम और बढ़ सके |
रोज मैं अपनी पोस्ट के माध्यम से आप लोगों से बात करता हूँ आज का विषय है “LEADERSHIP”
आखिर ये लीडरशिप होती क्या है , हम हमारे देश में प्रायः Political Leaders में लीडरशिप देखते हैं लेकिन मैं आपको सपष्ट कर देना चाहता हूँ आज मुख्यतः किसी भी पार्टी , क्षेत्र के पोलिटिकल लीडर्स हों मैं उन्हें लीडर्स ही नहीं मानता क्योंकि उनमें लीडरशिप की जो सबसे प्रमुख क्वालिटी होनी चाहिये वही नहीं है , क्या है वो क्वालिटी ? वो क्वालिटी है अगर आप जीत का सेहरा अपने और अपनी पार्टी के सर पर पहनना चाहते हो तो हार की जिम्मेदारी भी लेनी होगी लेकिन हो क्या रहा है सफलता मिले तो उन नेता के और उन पार्टी के कार्यकाल में ऐसा हुआ जितना किया भी ना हो उससे कंही ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर बतायेंगे और असफलता मिले तो इसमें हमारा हमारी पार्टी का कोई दोष नहीं है | आरोप या तो दूसरी पार्टी या केंद्र में अगर दूसरी पार्टी की सरकार हो तो उसका नाम किसी अफसर का नाम